Description
भारतवर्ष बहुत ही जल्द खुशियों का स्थल हो जाएगा। हर तरफ से सम्पन्न होगा। हर भारतवासी को देश की संपति को अपनी संपति समझते हुए, सड़क, कार्यालय, बैंक आदि सरकारी स्थलों को साफ़ सुथरा रखने का प्रयास करना चाहिए जिससे एक सुंदर और स्वच्छ भारतवर्ष का निर्माण हो सके। देश के प्रत्येक नागरिक संस्कारी हो, अपने देश से प्रेम करे, जाति-पाति और आरक्षण के बवाल को त्यागकर एकता की सूत्र में बंधने का प्रयास करे। इन्हीं उद्देश्यों की पूर्ति हेतु ‘पावन माटी देश की’ नामक साझा संकलन प्रकाशित करने का फैसला किया। यह साझा काव्य संकलन ‘पावन माटी देश की’ के माध्यम से हमने अपने देश की मिट्टी के प्रति प्रेम, सौहार्द्र और अपनापन की भावना को उजागर किया है। हमें पूर्ण विश्वास है कि यह संकलन हिंदी साहित्य का अमूल्य धरोहर साबित होगा और साहित्य जगत में पाठकों के मानस पटल पर देश प्रेम की भावना के साथ-साथ अपने मातृभूमि के प्रति स्नेह की भावना को प्रेरित करता रहेगा।
About the Authors
अर्चना पांडेय ‘अर्चि’, पद्मा साहू, देवराज शर्मा, अमित कुमार गुप्ता, संतोष राजाराम अडपावार, अरविंद श्रीवास्तव ‘असीम’, दूजराम साहू, श्रीमती त्रिवेणी मिश्रा, ज्योति वधवा ‘रंजना’, श्रीमती अनिता झा, शकुन्तला ‘पावनी’, शिवानन्द चौबे, डॉ. राम कुमार झा ‘निकुंज’, इंदु उपाध्याय, बजरंग लाल केजडीवाल, माधुरी भट्ट, श्रुति साहू, सरला कुमारी, वैष्णो खत्री ‘वेदिका’, नन्द लाल मणि त्रिपाठी ‘पीताम्बर’, कु० अपूर्वा कुशवाहा।
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