Description
“लम्हों की खामोशियाँ” काव्य संग्रह में मैने अपनी रचनाओं के माध्यम से अपने मन के विचारों को स्वतंत्र व सरल भाषा में व्यक्त किया है। यह मात्र काव्य संग्रह नहीं है बल्कि यह मेरे जीवन के अच्छे-बुरे अनुभव हैं, जिन्हें मैंने जिस प्रकार अनुभव किया, उन्हें उसी तरह ही पन्नों पर उकेरने का प्रयास किया है। मेरा प्रयास रहा है कि प्रत्येक विषय पर मेरी रचना हो, काफी हद तक मुझे सफलता भी मिली है। आशा है कि मेरे मन के भाव आपके हृदय को छूने का प्रयास करेगें।
-शाहाना परवीन (लेखिका)
About the Author
मुज़फ्फरनगर (यू०पी०) में जन्मीं कवयित्री एवं लेखिका शाहाना परवीन एक गृहणी हैं और वर्तमान में चंडीगढ़ में निवासरत हैं। उनके पिता स्वर्गीय श्री यूसुफ अली एवं माता श्रीमती शमीम आरा हैं। आपने बी०ए० (ऑनर्स), एम०ए० अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) अलीगढ़, एन.टी.टी. (नर्सरी टीचर ट्रेनिंग) कोर्स हरियाणा, सह पाठ्यक्रम गतिविधियाँ : एन.एस.एस. (राष्ट्रीय सेवा योजना) एएमयू अलीगढ़ आदि शैक्षिक उपलब्धियाँ हासिल की है। आपकी रूचि कविता, कहानी , लघु कथा, लेख, आलेख आदि लिखना और एंकरिंग करना है। लेखिका की कई साझा संग्रह में रचनाएं प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें बाल काव्य, बज़्मे हिंद ऐतिहासिक पुस्तक, स्वरांजलि, कथाद्वीप, आखर कुंज, नव-किरण, नव सृजन, काव्य सृष्टि, हे भारत भूमि, रत्नावली हैं। आपको श्रेष्ठ रचनाकार सम्मान, रत्नावली सम्मान, स्वामी विवेकानंद साहित्य सम्मान, उत्कृष्ट काव्य सृजन सम्मान, मधुशाला गौरव सम्मान, काव्य स्वरांजलि सम्मान, कथा गौरव सम्मान, सावरकर सम्मान, श्रेष्ठ सृजन सम्मान, हरिवंश राय बच्चन सम्मान, सहभागिता सृजन सम्मान, हिंदी साहित्य साधक सम्मान, काव्य सृष्टि साहित्य सम्मान, नव-किरण साहित्य सम्मान, लेखन आगाज सम्मान, काव्य सृजन सम्मान, श्रीमती फूलवती देवी साहित्य सम्मान, उदय कमल विभूषण सम्मान, श्रेष्ठ बाल कवि पुरस्कार सम्मान, साहित्य सम्मान, हिंदी साहित्य सृजन सम्मान, हिंदी साहित्य रत्न, श्रेष्ठ साहित्यकार आदि प्रमुख साहित्यिक उपाधियों से नवाज़ा जा चुका है।
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